तासीर तेरी ऐसी की आ जाएं शामत। उल्फत में ना पड़े खुदा ही रखे मुझे सलामत। शफ़क़-ए-हुस्न की तरह होता है अलामत। होते-होते हो ही जाती कमाल-ए-करामत। तासीर-असर, उल्फत-इश्क़ शफ़क़-ए-हुस्न-: सुबह की किरणों जैसी सुंदर अलामत- संकेत कमाल-ए-करामत-: बढ़िया और चमत्कारी हिम्मत सिंह writing#thinking#ludhiana#pau Punjabipeotry#hindipeotry# urdupeotry#✍️✍️✍️✍️###💘💘💘💘####💓💓💓##🎶🎶🎶🎶###