जाकर तुमने न्यायलय से जिससे बचने का गुहार किया। तुम क्या जानो उस बाप ने था तुमपे सबकुछ वार दिया। तूने स्वार्थवश चन्द खुशियों खातिर, अपने संस्कार-ओ-सम्मान को धो डाला। जिस अंश से तूने जन्म लिया उस रूह को छलनी कर डाला।। चैन से तुम सोई होगी नींद भी तेरी गहरी होगी। झूठ बोल तुम मशहूर हुई, पर न सोचा बाबुल पे क्या गुजरी होगी✍️ #Based_on_true_story