ऐ देश मेरे तेरी अस्मत पे, दुश्मन जो नज़र डालेगा। हर

ऐ देश मेरे तेरी अस्मत पे, दुश्मन जो नज़र डालेगा।
हर वीर सपूत धरती माँ का, उसको ही चीर डालेगा।

है मेरे वतन की गरिमा ये, कि दुश्मन को भी आगाह करें।
गर वतन पे डाले वो बुरी नज़र, हम उसको भी तबाह करें।

अपने वतन की हिफाज़त में, हर शख्स अब क़हर डालेगा।
कोई देखेगा जो बुरी नज़र से, हम शख़्स उसे चीर डालेगा। ऐ देश मेरे तेरी अस्मत पे, दुश्मन जो नज़र डालेगा।
हर वीर सपूत धरती माँ का, उसको ही चीर डालेगा।

है मेरे वतन की गरिमा ये, कि दुश्मन को भी आगाह करें।
गर वतन पे डाले वो बुरी नज़र, हम उसको भी तबाह करें।

अपने वतन की हिफाज़त में, हर शख्स अब क़हर डालेगा।
कोई देखेगा जो बुरी नज़र से, हम शख़्स उसे चीर डालेगा।
ऐ देश मेरे तेरी अस्मत पे, दुश्मन जो नज़र डालेगा।
हर वीर सपूत धरती माँ का, उसको ही चीर डालेगा।

है मेरे वतन की गरिमा ये, कि दुश्मन को भी आगाह करें।
गर वतन पे डाले वो बुरी नज़र, हम उसको भी तबाह करें।

अपने वतन की हिफाज़त में, हर शख्स अब क़हर डालेगा।
कोई देखेगा जो बुरी नज़र से, हम शख़्स उसे चीर डालेगा। ऐ देश मेरे तेरी अस्मत पे, दुश्मन जो नज़र डालेगा।
हर वीर सपूत धरती माँ का, उसको ही चीर डालेगा।

है मेरे वतन की गरिमा ये, कि दुश्मन को भी आगाह करें।
गर वतन पे डाले वो बुरी नज़र, हम उसको भी तबाह करें।

अपने वतन की हिफाज़त में, हर शख्स अब क़हर डालेगा।
कोई देखेगा जो बुरी नज़र से, हम शख़्स उसे चीर डालेगा।