मुरझाएं हुए फूल दुबारा से खिलेंगे नहीं गम-ए-जुदाई के बाद तुमसे हम अब मिलेंगे नहीं..!! बहुत शिकायते थी तुम्हे हर एक बातों से मेरी सिर्फ तुम अंजान रहे हालातों से मेरी..!! फासले इतने हैं की तुम्हे हम अब दिखेंगे नहीं गम-ए-जुदाई के बाद तुमसे हम अब मिलेंगे नहीं..!! कसूर ना माना तो ये जमाना खराब हुआ मोहब्बत थी तुमसे इसलिए नफरत भी लाजवाब हुआ अपनी मोहब्बत के किस्से हम अब लिखेंगे नहीं गम-ए-जुदाई के बाद तुमसे हम अब मिलेंगे नहीं..!! ©Writer Tarannum Sheikh #love #poetrty #candle