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यकीनन मेरा एक राज छुपाने की जिम्मेदारी तुम्हारी कि

यकीनन मेरा एक राज छुपाने की जिम्मेदारी तुम्हारी किताबों ने ली थी
 याद है तुम्हें वो चिट्ठी जो मैंने तुम्हें ट्यूशन से आते वक्त दी थी 
कुछ हाल अपने दिल का लिखा था उसमे कुछ शायरी चोरी की लिखी थी
मुझे तो आज भी याद हैअपनी वो नादानी अंत में अपना नाम लिखकर जो गलती मैंने की थी...

धीरज सैनी धीर @@***

©Dheeraj saini dheer यकीनन मेरा एक राज छुपाने की जिम्मेदारी तुम्हारी किताबों ने ली थी
 याद है तुम्हें वो चिट्ठी जो मैंने तुम्हें ट्यूशन से आते वक्त दी थी 
कुछ हाल अपने दिल का लिखा था उसमे कुछ शायरी चोरी की लिखी थी
मुझे तो आज भी याद हैअपनी वो नादानी अंत में अपना नाम लिखकर जो गलती मैंने की थी
यकीनन मेरा एक राज छुपाने की जिम्मेदारी तुम्हारी किताबों ने ली थी
 याद है तुम्हें वो चिट्ठी जो मैंने तुम्हें ट्यूशन से आते वक्त दी थी 
कुछ हाल अपने दिल का लिखा था उसमे कुछ शायरी चोरी की लिखी थी
मुझे तो आज भी याद हैअपनी वो नादानी अंत में अपना नाम लिखकर जो गलती मैंने की थी...

धीरज सैनी धीर @@***

©Dheeraj saini dheer यकीनन मेरा एक राज छुपाने की जिम्मेदारी तुम्हारी किताबों ने ली थी
 याद है तुम्हें वो चिट्ठी जो मैंने तुम्हें ट्यूशन से आते वक्त दी थी 
कुछ हाल अपने दिल का लिखा था उसमे कुछ शायरी चोरी की लिखी थी
मुझे तो आज भी याद हैअपनी वो नादानी अंत में अपना नाम लिखकर जो गलती मैंने की थी