मोर के पंख को स्नेह है श्री कृष्ण से, ग्वाला है वो कृष्ण एक ओर, मुरली उनकी मोह कर सारा संसार, कहीं शिष्य कही साथी उन्हीं के बस यार, हर बाग में मचे शोर मुरली का, मुरली कुछ ऐसी बज रही होकर चारो ओर, हर छोर को अपना बना रही है, जैसे फिर जिंदगी जान भर रही है, सब झूम उठे मुरली संग, कोई ना रहा अकेला वृंदावन, जय श्री krishan, #jindhi