तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे, तुम्हें बताना चाहता कई दफा तुमने अनसुनी करती रही मेरे प्यार को मेरी मजबूरी बना के तुम मुझसे छलती रही दर्द क्या होता है। अभी तुमने जाना नहीं इसलिए तुम मुझे नज़रंदाज़ करती रही #नजरंदाज