शब-ए-हिज्र मे आवाज़ दिल से आयी शब-ए-इंतज़ार की घड़ी याद दिलायी कट जाते है दिन बिना किसी शिकायत के शब- ए- तन्हाई मे यादों ने भीड़ लगायी चला गया हर एक अपना तबाह करके शब- ए- वस्ल नशे मे गुज़ार, की तबाही बू आ रही है कुछ अजीब सी हवाओं से शब- ए फ़ुर्कत मे नमी आँखें ना दिखायी तूफ़ान बारिश सबकी रफ़्तार को देखकर शब- ए- महशर मे जश्न- ए- रात मनायी ©Aparna Mishra #Love #Pain #Hindi #hindi_poetry #hindi_shayari #Nojoto #SuperBloodMoon