हम हैं सफ़र है पर हमसफ़र नहीं मेहनत है दृढ़ निश्च्य है मगर ज़फ़र नही देह है,मौत है, रोना है लेकिन कफ़न नहीं टूट चुकें हैं हार चुके हैं मर चुके हैं लेकिन हुए अभी दफ़न नही। ©Gurpreet Singh Kangarh #MereKhayaal #AugustCreators #hindi_poetry #sadpoetry