Nojoto: Largest Storytelling Platform

हम सनातनी हैं! हम उस परमात्मा की पूजा करते हैं जो

हम सनातनी हैं!
हम उस परमात्मा की पूजा करते हैं जो समस्त ब्रह्माण्ड का स्वामी है। जिसका ऐश्वर्य इतना है कि उसके तैंतीस करोड़ सेवक देवी-देवता हैं।
जो स्वयंभू (स्वयं प्रकट होने वाला है)।

फिर भी,
१- वो जिसको माता मानता है उनसे इतना प्रेम करता है, उनका इतना सम्मान करता है कि, तीनों लोकों का स्वामी और सर्वशक्तिशाली होते हुए भी उनके चरण छूता है, उनकी आज्ञा का पालन करता है, उनकी डांट खाता है, और उनकी छोटी सी रस्सी से बंध जाता है।
२- जो अपने मित्रों से इतना प्रेम करता है, कि उनके पैरों को अपने आंसुओ से धोता है।
३- इतना उदार है कि,तीन मुठ्ठी चावल के बदले समस्त ऐश्वर्य दे देता है।
४-जो इतना विनम्र और कर्मयोगी है कि, सर्वसमर्थ होते हुए भी युद्ध में सारथी बनता है, जो जूठे पत्तल उठाने को भी छोटा काम नहीं समझता।
५- जो सबका मालिक होते हुए भी हमारे साथ हमारी तरह रहता है, हमारे बीच में, हमारे लिए मानव रूप में आता है।
६- जो अपने भक्तों को अपने उपर इतना अधिकार देता है कि वो उसे, पुत्र, पति, मित्र, पिता, माता, प्रेमी, स्वामी, बंधू  या ईश्वर किसी भी रुप में पूज सकते हैं।

जो पूरे अधिकार के साथ कह सकते हैं कि-

"गोविंद मेरो है, गोपाल मेरो है।
श्री बांके बिहारी नंदलाल मेरो है।।"

जय श्री कृष्ण ! 🙏🙏

©Jupiter and it's moon@प्रतिमा तिवारी कृष्ण की बातें
#जयश्रीकृष्ण #कृष्णमेरे #कृष्ण #भक्ति 
#JAI_SHREE_KRISHNA #Krishna
हम सनातनी हैं!
हम उस परमात्मा की पूजा करते हैं जो समस्त ब्रह्माण्ड का स्वामी है। जिसका ऐश्वर्य इतना है कि उसके तैंतीस करोड़ सेवक देवी-देवता हैं।
जो स्वयंभू (स्वयं प्रकट होने वाला है)।

फिर भी,
१- वो जिसको माता मानता है उनसे इतना प्रेम करता है, उनका इतना सम्मान करता है कि, तीनों लोकों का स्वामी और सर्वशक्तिशाली होते हुए भी उनके चरण छूता है, उनकी आज्ञा का पालन करता है, उनकी डांट खाता है, और उनकी छोटी सी रस्सी से बंध जाता है।
२- जो अपने मित्रों से इतना प्रेम करता है, कि उनके पैरों को अपने आंसुओ से धोता है।
३- इतना उदार है कि,तीन मुठ्ठी चावल के बदले समस्त ऐश्वर्य दे देता है।
४-जो इतना विनम्र और कर्मयोगी है कि, सर्वसमर्थ होते हुए भी युद्ध में सारथी बनता है, जो जूठे पत्तल उठाने को भी छोटा काम नहीं समझता।
५- जो सबका मालिक होते हुए भी हमारे साथ हमारी तरह रहता है, हमारे बीच में, हमारे लिए मानव रूप में आता है।
६- जो अपने भक्तों को अपने उपर इतना अधिकार देता है कि वो उसे, पुत्र, पति, मित्र, पिता, माता, प्रेमी, स्वामी, बंधू  या ईश्वर किसी भी रुप में पूज सकते हैं।

जो पूरे अधिकार के साथ कह सकते हैं कि-

"गोविंद मेरो है, गोपाल मेरो है।
श्री बांके बिहारी नंदलाल मेरो है।।"

जय श्री कृष्ण ! 🙏🙏

©Jupiter and it's moon@प्रतिमा तिवारी कृष्ण की बातें
#जयश्रीकृष्ण #कृष्णमेरे #कृष्ण #भक्ति 
#JAI_SHREE_KRISHNA #Krishna