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यार कॉमरेड, आजकल सब लोग पूछते हैं तुम्हारे विषय मे

यार कॉमरेड,
आजकल सब लोग पूछते हैं तुम्हारे विषय में, कि तुम कौन हो, कैसी हो और वगैरा वगैरा।अब क्या बताऊं लोगों को कि तुम मेरी वो कल्पना हो जो एक अबोध बालक बचपन में, देखे हुए नायिका के किरदारों के गुणों से बुनता है।जिसे बनाने में शायद भगवान भी चूक जाएं। जिसकी आंखो,जुल्फो, होठो और आदतों की तारीफ वो सदैव करता है।तुम ना मानक हो मेरी ख्वाहिशों का।हर किसी की उम्मीदें होती हैं कि उसका साथी ऐसा हो।
बचपन से देखी हर स्त्री सा गुण तुममें पाने की इच्छा भले ही मुझे सेल्फिश बनाती हो पर इच्छाएं तो सेल्फिश ही होती है ना।तुमसे अपना हाल कहना मुझे हल्का महसूस कराता है।खुद में ही मग्न रहने वाली इस दुनिया में एक तुम ही तो हो जो सुनती हो मुझे ।यार तुम मुझे सदैव इनकरेज करती हो जब भी मैं किसी दुविधा में होता हूं।तुम्हे मेरे लिए  हकीकत में उकेरने पर शायद ईश्वर भी मुझसे ईर्ष्या करने लगे।आज मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि तुम सिर्फ एक नाम मात्र नहीं बल्कि वो हो जिसने मुझे इस प्रकृति के हर पहलु से प्रेम करना सिखवाया। मुझे मेरे संघर्ष में भी हर्ष का रास्ता दिखाने वाली तुम पता नहीं कौन हो।...#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड,
आजकल सब लोग पूछते हैं तुम्हारे विषय में, कि तुम कौन हो, कैसी हो और वगैरा वगैरा।अब क्या बताऊं लोगों को कि तुम मेरी वो कल्पना हो जो एक अबोध बालक बचपन में, देखे हुए नायिका के किरदारों के गुणों से बुनता है।जिसे बनाने में शायद भगवान भी चूक जाएं। जिसकी आंखो,जुल्फो, होठो और आदतों की तारीफ वो सदैव करता है।तुम ना मानक हो मेरी ख्वाहिशों का।हर किसी की उम्मीदें होती हैं कि उसका साथी ऐसा हो।
बचपन से देखी हर स्त्री सा गुण तुममें पाने की इच्छा भले ही मुझे सेल्फिश बनाती हो पर इच्छाएं तो सेल्फिश ही होती है ना।तुमसे अपना हाल कहना मुझे हल्का महसूस कराता है।खुद में ही मग्न रहने वाली इस दुनिया में एक तुम ही तो हो जो सुनती हो मुझे ।यार तुम मुझे सदैव इनकरेज करती हो जब भी मैं किसी दुविधा में होता हूं।तुम्हे मेरे लिए  हकीकत में उकेरने पर शायद ईश्वर भी मुझसे ईर्ष्या करने लगे।आज मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि तुम सिर्फ एक नाम मात्र नहीं बल्कि वो हो जिसने मुझे इस प्रकृति के हर पहलु से प्रेम करना सिखवाया। मुझे मेरे संघर्ष में भी हर्ष का रास्ता दिखाने वाली तुम पता नहीं कौन हो।
...#जलज कुमार
यार कॉमरेड,
आजकल सब लोग पूछते हैं तुम्हारे विषय में, कि तुम कौन हो, कैसी हो और वगैरा वगैरा।अब क्या बताऊं लोगों को कि तुम मेरी वो कल्पना हो जो एक अबोध बालक बचपन में, देखे हुए नायिका के किरदारों के गुणों से बुनता है।जिसे बनाने में शायद भगवान भी चूक जाएं। जिसकी आंखो,जुल्फो, होठो और आदतों की तारीफ वो सदैव करता है।तुम ना मानक हो मेरी ख्वाहिशों का।हर किसी की उम्मीदें होती हैं कि उसका साथी ऐसा हो।
बचपन से देखी हर स्त्री सा गुण तुममें पाने की इच्छा भले ही मुझे सेल्फिश बनाती हो पर इच्छाएं तो सेल्फिश ही होती है ना।तुमसे अपना हाल कहना मुझे हल्का महसूस कराता है।खुद में ही मग्न रहने वाली इस दुनिया में एक तुम ही तो हो जो सुनती हो मुझे ।यार तुम मुझे सदैव इनकरेज करती हो जब भी मैं किसी दुविधा में होता हूं।तुम्हे मेरे लिए  हकीकत में उकेरने पर शायद ईश्वर भी मुझसे ईर्ष्या करने लगे।आज मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि तुम सिर्फ एक नाम मात्र नहीं बल्कि वो हो जिसने मुझे इस प्रकृति के हर पहलु से प्रेम करना सिखवाया। मुझे मेरे संघर्ष में भी हर्ष का रास्ता दिखाने वाली तुम पता नहीं कौन हो।...#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड,
आजकल सब लोग पूछते हैं तुम्हारे विषय में, कि तुम कौन हो, कैसी हो और वगैरा वगैरा।अब क्या बताऊं लोगों को कि तुम मेरी वो कल्पना हो जो एक अबोध बालक बचपन में, देखे हुए नायिका के किरदारों के गुणों से बुनता है।जिसे बनाने में शायद भगवान भी चूक जाएं। जिसकी आंखो,जुल्फो, होठो और आदतों की तारीफ वो सदैव करता है।तुम ना मानक हो मेरी ख्वाहिशों का।हर किसी की उम्मीदें होती हैं कि उसका साथी ऐसा हो।
बचपन से देखी हर स्त्री सा गुण तुममें पाने की इच्छा भले ही मुझे सेल्फिश बनाती हो पर इच्छाएं तो सेल्फिश ही होती है ना।तुमसे अपना हाल कहना मुझे हल्का महसूस कराता है।खुद में ही मग्न रहने वाली इस दुनिया में एक तुम ही तो हो जो सुनती हो मुझे ।यार तुम मुझे सदैव इनकरेज करती हो जब भी मैं किसी दुविधा में होता हूं।तुम्हे मेरे लिए  हकीकत में उकेरने पर शायद ईश्वर भी मुझसे ईर्ष्या करने लगे।आज मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि तुम सिर्फ एक नाम मात्र नहीं बल्कि वो हो जिसने मुझे इस प्रकृति के हर पहलु से प्रेम करना सिखवाया। मुझे मेरे संघर्ष में भी हर्ष का रास्ता दिखाने वाली तुम पता नहीं कौन हो।
...#जलज कुमार