ये चांदनी रात भी हमे सताती रही नींद आते हुए भी यूंही जाती रही। यादों में यूंही रात गुजरती रही आँखे भी अब तो तड़पने लगी,आज तो ये भी बरसती रही।। #अकेलापन#