लग जा गले मेरी जान किस हाल में जीते हैं तेरे वगैर कैसे बताऊं मैं कतरा -2 चीरता है मेरा जिस्म तेरे वगैर कैसे समझाऊं मै सुकून नहीं मिलता इस जहान मुझे तेरे बाहों से ज्यादा कही भी पुरी दुनिया अधुरी और खोखली हैं तेरे वगैर कैसे बताऊं मैं ©praveen mt21 #dilkibaat #Love #Life poetry lovers