यूँही कहाँ पास आती हैं मौत भी, यूँही कहाँ सजती ज़िन्दगी, कितने लोग पाते हैं मनचाही ख़ुशी, यूँही नहीं होती हैं जनाब खुदखुशी। ज़ब टूट जाता हैं दुख का पहाड़ ही, निकल जाये बिन बरसाये बदली ख़ुशी कि, कैसे ना भरे दिल भी.... यूँही नहीं होती जनाब खुदखुशी। किसने कहा कायरता का काम है खुदखुशी, ज़ब हो पास मौत दस गुना हो जाती धड़कन कि गति, ज़िन्दगी जीने से ज़्यादा होती हैं मौत दर्दीली, यूँही नहीं होती जनाब खुदखुशी। #ATalk ✍️#Missing 😭 #SushantSinghRajput #खुदखुशी