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लांगी थी जिसके लिए लकीरें तुमने.... वो महज लकीर भर

लांगी थी जिसके लिए लकीरें तुमने.... वो महज लकीर भर का था इश्क़ तुम्हारा!
ना मर्यादा ना शर्म ना लिहाज था...महज बिस्तर भर का था इश्क़ तुम्हारा! #आज_की_मोहब्ब्त #Love_Life #Reality_of_Love #Quote
लांगी थी जिसके लिए लकीरें तुमने.... वो महज लकीर भर का था इश्क़ तुम्हारा!
ना मर्यादा ना शर्म ना लिहाज था...महज बिस्तर भर का था इश्क़ तुम्हारा! #आज_की_मोहब्ब्त #Love_Life #Reality_of_Love #Quote