उठो अब तो जागो , मां भारती की सुन लो पुकार, शाधू संतो की जो रक्षा ना कर सका ऐसी है बेकार सरकार, अब अपना फर्ज निभाना है मां भारती का कर्ज चुकाना है देश के चंद गद्दारों को मारके दूर भगाना है उठो अब तो जागो मां भारती की सुन को पुकार। कब तक जुर्म सहोगे, कब तक इस सच्चाई से तुम अपना मुख फेरोगे। अब नहीं तो कब जाओगे। अभी समय है मां भारती के असली कर्ज चुकाने का देश के गद्दारों को मार् के दूर भगाने का। उठो अब तो जागो मां भारती की सुन लो पुकार। (राघव ठाकुर) maa Bharti