उस रोज़ चांद कुछ यूं बिखेर रहा था अपनी छटा, जैसे किसी मां ने उसकी बलाएं ली हो। ना जाने चांद को भी हर रोज़ कितनों की ही नज़र लगती होगी। #nazarbiswas #माँ_सारा_जहाँ_होती_है OPEN FOR COLLAB✨ #ATmoonbg34 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨