नवरात्रों संग शुरू हुआ पावन महीना रमज़ान का मंदिरों में शंख बजे आजान हुआ रमज़ान का चाँद नज़र आया तो खुशियाँ ईद की थी छा गईं परशुरामजी की जयंती के संग अक्षय तृतीय भी आ भई भेद ना किया किसी भी दिन का दुनिया बनाने वाले ने क्यूँ दिलों में वैर फिर पाले मिट्टी के पुतले मतवाले ये आओ भुला कर रंजिशें अपनी सबको गले लगाएं हम ईद की सवइयां मिल कर खाएं मंदिरों में ढोल बजाए हम ©Anita Mishra #Happy_ Praveen Jain "पल्लव"