नाव ======= नाव कागज़ की हो या असली की तेज बहाव मे डूब ही जाती हैं, घमंड ना कर अपनी नांव पर जो इस हाड मांस की बनी हैं जब मौत आऐगी तो सोचने का वक्त भी नहीं देगी मौत रूपी भवर मे डुबा मारेगी, ये बात अभी ना समझ आऐगी जब बीतेगी खुद पर तब अक्ल ठिकाने आऐगी, जो शरीर धीरे धीरे नस्ट हो रहा हैं कागज की नांव की तरह वों साथ कब तक हैं वों गल,सड रहा हैं और मौत की आगोश मे एक दिन ले जा,मौत की नींद सुलाएगा और हमारी नांव दुबाएगा! ©Pooja Udeshi #naav नाव #Memories