#Sad_Status#shilpayadav#shilpayadavpoetry#nojotohindi#nojotoenglish#nojotohindiquotes ANOOP PANDEY shivom upadhyay Vishalkumar "Vishal" Parul (kiran)Yadav vineetapanchal poonam atrey
मिट रही विभावरी, प्राण निकलता जा रहा
है खेद औ विपदा कैसी,विहान उगता आ रहा
जिजीविषा जगी, कर रही श्रृंगार प्रकृति का
हस्तलकीरें बनी है जैसे दे रही संदेश सुख का
सुखद क्षण आएगा, कर्ण में अलि गीत गा रहा