लहज़े लिवाज़ के चढ़ा रखें हैं, इतना काफ़ी नहीं हैं, तुम्हारे कहनें पर, देखने ख़्वाब भी छोड़ दूं क्या!! किरण हूं मैं, मुझे अंधेरों में छिपाने की, तुम्हारी नाकाम कोशिशों से, हार कर क़दम पीछे मोड़ लूं क्या!! मज़बूर हो, साथ नहीं दे सकते, फिर मैं भी तुम्हारा साथ छोड़ दूं क्या!! ✍🏻Devina.. on_instagram_@devina_raghuwanshi puch rhi hun.. tumse? #devina.. #devinaraghuwanshi #poetry #poet #nojoto ✍🏻Devina..