चेहरों को पहचानने की हुनर नहीं है पर , कुछ वक़्त इसमें भी गंवाया है मैने। सीखाती रही लोगों को बाह्य सौन्दर्य ना देखो पर, किसी के लिए खुद को भी सजाया है मैने। इश्क़, मोहब्बत की बातें मेरी समझ से परे है पर, इस समंदर मे भी खुद को डुबाया है मैने। मेरी ख़ुशी देखकर मेरी उदासी का अंदाज़ा न लगा सके लोग, क्योंकि ग़म छुपाकर भी खुलकर मुस्कुराया है मैने। ......@शिल्पी सिंह #lovepoetry#love#nojoto#brokenheart❤