जितनी चादर हो इंसान को अपना उतना ही पैर फैलाना चाहिए, मोहन भोग न हो तो चना चैबाना खाकर जीवन बिताना चाहिए। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_158 👉 चना-चबैना मुहावरे का अर्थ --- रूखा सूखा भोजन ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।