क्यों? एक सवाल सा रह जाता है। क्यों? विश्वास नहीं हो पाता है। क्यों? दिल ही दिल में रोता हूं। क्यों? बार बार बताना पड़ता है। क्यों? झुठी कसमें खाते हैं। क्यों? साथ नहीं निभातें है। क्यों? समझना नहीं चाहते हैं। क्यों? क्यों? क्यों? क्यों? क्यों? एक सवाल सा रह जाता है। क्यों? सर्द दिल भी भर आता है। क्यों? सहज को असहज बनाते हैं। क्यों? मानव पशु बन जाते हैं। क्यों? दिल घबराता है। क्यों? लोग मुंह फेर जाता है। क्यों? क्यों? #सर्द_दिल।