राम के जीवन में अब वो भी घड़ी आयी, छोड़ अपनों का साथ वनवास की वेला आयी, सिया भी हो गई तैयार जब सुख में रहे साथ, प्राणनाथ! इस घड़ी कैसे छोड़ दू आपका हाथ, राम समझाये वन के कष्ट नहीं सह पाओगी, साथ चल सीते मुश्किल ही पग-पग पाओगी, जानकी की जिद पर माने श्री राम हार, सजनी और साजन हुए वन जाने को तैयार, भ्राता धरम निभाने को लखन पिछे ना हटे, छोड़ राजसी वैभव पहन वनवासी वेश तैयार खड़े, महल हो रहा आज था सूना रो रही हर दीवार, कौशल्या और सुमित्रा मैया के नैनों से बहे अश्रु धार, मूर्छित थे दशरथजी इस हाल में राम पिता के चरण छुये, राम, सिया और लखन संग चले वन की ओर, दृश्य कुछ ऐसा था प्रजा में थी उदासी हर आंख हुई नम, राम, लखन, सिया महलों को छोड़ किये वन गमन। ©Priya Gour जय सियाराम 🙏💞😍 bhut pyare pyare wallpaper mil rhe roz thank you dilse nojoto 💞😍 or itni pyari pyari sb post kr rhe wowww 😍 jai shree ram #NojotoRamleela #ramayan #nojotowriters