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बात बात पर बात बिगड़ जाती है , ज़िंदगी और भी उलझ ज

बात बात पर बात बिगड़ जाती है ,
ज़िंदगी और भी उलझ जाती है !
एक तो तन्हाई में दिल का तड़पना ,
यूंही फिर सोचकर कुछ आंख झलक जाती है !

©Shanur Rahman
  #GoldenHour Loneliness...

#GoldenHour Loneliness...

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