तुम्हारा दर्द जानने का हर कोई हकदार नही... दर्द की भी अपनी गरिमा है हर किसी के सामने कहा नही जाता.. तुम्हारा दर्द तुम्हारे अपने मन के भाव है.. तुमने कब क्या महसूस किया.. किस बात ने मन को चोटिल किया... क्यूं किसी को बताना.. क्यों दर्द का तमाशा बनाना? क्या सचमुच कोई उस दर्द को तुम्हारी तरह महसूस कर पाएगा ? ऐसा तो तभी हो सकता है जब कोई तुम्हारी ही तरह भावनाएं रखता हो , और ऐसा होता नही । तो क्यूं न उस दर्द को उसके सामने रखें जो सबके दर्द समझता है ..उसी परमपिता परमात्मा को सौंप दे दर्द भी और उसकी दवा भी... एक ख़ूबसूरत #collab Aesthetic Thoughts की ओर से। #तुम्हारादर्द #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi