#मानव एक मशीन वो तो रात-दिन आठो पहर रहता ख़्वाब में अजर-अमर फिर भी छेड़ता कदर गदर ताकि बचा रहे उसका असर हथकंडे नये अपनाता है मानव एक मशीन है जो स्वयं को चलाता है https://pankajneerajblog.wordpress.com/ #मानव_एक_मशीन.