//दौलत की ताकत// हर सू मौत, हर पल का मंजर दे रहा दिखाई।। कैसा मौत के तांडव रचा हर तरफ हुड़दंग मचाई।। ठंडी राख से रोते बिलकते मौत की महक है आई ।। पापी इंसान खुद से रूठने पर अपनी कब्र है बनाई।। दौलत की ताकत फीकी हुई कर्मों की बात है आई ।। हुआ कर्मों का लेखा-जोखा दौलत कहां काम है आई।। क्यों इंसानियत किराए की देह पर है इतना इतराई।। सत्य की तलाश में भटके फिर भी कहां शांति पाई।। सुपथ पर चला होता , की होती आदर्शों की कमाई।। जुटा ताकत दुआओं की इसका ईश्वर भी करजाई।। दौलत की ताकत शून्य बराबर कर बंदेया नेक कमाई।। मुश्किल की घड़ियों में सिर्फ इंसानियत है काम आई।। बहुत हो चुका बस करो रोज़ी' यह बातें खुदाई।। मुर्दा यहां अग्नि दाह कर रहा कर्मों की भरपाई।। #कोराकाग़ज़ #kkदौलतकीताक़त #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2021