चूल्हे जलते कैसे वहां जहां दिल हरपल सुलगता हो भूख कैसे लगती उनको जो आंसू हरपल पीता हो ठंड भी उनको लगती कहां चादर गरीबी की, जो ओढ़ता हो मंज़िल उसको मिले तो कैसे जिसका घर ही सफर में पड़ता हो शायर Rk…✍️ . ©SHAYAR (RK) #गरीबी