शहरों की घुटन में था हर बाग मुरझाया खुशियों का वो रहनुमा अक्सर था पराया इरादे बदल रहा था गैरों के रात दिन उसको अपनी मौज में जीना नहीं आया #paraaya #vatsa शहरों की घुटन में था हर बाग मुरझाया खुशियों का वो रहनुमा अक्सर था पराया इरादे बदल रहा था गैरों के रात दिन उसको अपनी मौज में जीना नहीं आया