White दरमियाँ हमारे कुछ भी रहा हो, हमने कुछ भी सुना कहा हो, हुआ हिसाब अब जाके साफ़, बैठा करके ख़ुद को माफ़, ख़ुद से अब सब कहूंगा, बची उम्र को तन्हाँ रहूंगा, जो भी हो वो सब सहूँगा, ख़ुद की बेवकूफ़ी पे हसूंगा क्योंकि सारा कुसूर मेरा। चल जा राह के मुसाफ़िर, सामने दोनों का ज़मीर हाज़िर, तू पूछ लेना उसे कभी फिर, मैंने मान लिया ख़ुद की खातिर, कि सारा कुसूर मेरा 🌹 ©Madhav Awana #sad_dp #Shayari #MadhavAwana शायरी हिंदी में