जो हरि हरि की माला जपते पकड़े गए नाबालिगों का शोषण और दुराचार करते बने बैठे हैं ये जो धर्म के ठेकेदार लूट लेते अपने ही लोगों की अस्मत और कर देते तार-तार भेदभाव का बीज है ऐसा बोया इंसान -इंसान से दूर है होया धर्म और मजहब की न बात करो बस एक दुजे से है प्यार करो बनाने वाले उस खुदा ने भी कोई फ्रक नही दिखाया उसने तो बस इंसान बनाया हमसे तो दूर रहे ये जात-पात का नारा हमारे लिए तो इंसानियत ही धर्म हमारा हवा और पानी ने तो कभी नही करा ये बहाना वो हिंदु है और वो मुस्लिम मुझे उसके घर नही जाना धर्म और मजहब की ऐसी बयार चलाते भाई को भाई से लड़वाते चलता रहा अगर बदस्तूर यही गाना तो तय है आने वाली नस्लों का मिट जाना विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और रीति रिवाजों का जँहा मिलता है संगम ये वो देश है जँहा बहती गंगा,यमुना,सतलुज,रावी और झेलम संविधान ने भी दी है धार्मिक आजादी फिर क्यों हमने एक-दूजे पर है उंगली उठा दी क्यों किसी के मजहब का माखौल उड़ाते क्यों इस मुद्दे पर इंसान से शैतान बन जाते जबरन धर्म का लोगो मत चिपकाओ लोगों को बदलने से बेहतर है अपनी सोच बदल पाओ................ निखिल कुमार... #हरि_हरि_की_माला_ #निखिल_कुमार_अंजान....