रुक के फिर से कदम उस और हि चलने लगे तो वो इश्क़ हैं ख्यालो मे अगर हर पल सिर्फ़ वही आते रहे तो वो इश्क़ हैं बिन बात के भी चेहरे पे मुस्कान आए तो वो इश्क़ हैं अकेले मे भी लगने लगे कि कोइ साथ है तो वो इश्क़ हैं हर शक्स जब दिल को भाने लगे तो वो इश्क़ हैं कडवी बाते भी जब किसी कि मिठी लगने लगे तो वो इश्क़ हैं हर पल जब ख्यालो मे खोने लगे तो वो इश्क़ हैं जब रातो को नींद दस्तक हि न दे तो वो इश्क़ हैं जब कानो कि सिर्फ़ उसकी हि अवाज़ सुनाई दे तो वो इश्क़ हैं जब एक पल का इंतेजार भी एक लम्हा लगे तो वो इश्क़ हैं जब खुदा के अलावे किसी की इबादत करने लगे तो वो इश्क़ हैं. 💕❤💕 -vikash_my word📝 रुक के फिर से कदम उस और हि चलने लगे तो वो इश्क़ हैं ख्यालो मे अगर हर पल सिर्फ़ वही आते रहे तो वो इश्क़ हैं बिन बात के भी चेहरे पे मुस्कान आए तो वो इश्क़ हैं अकेले मे भी लगने लगे कि कोइ साथ है तो वो इश्क़ हैं