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बड़ा बाबू पट जाए तो ठीक वर्ना बेकाबू! बड़े बाबू का

बड़ा बाबू पट जाए तो ठीक वर्ना बेकाबू!
बड़े बाबू का छोटे बाबू से इस बात को 
लेकर हो गया झगड़ा कि छोटे ने बड़े की
 उपेक्षा साहब को ज्यादा मक्खन क्यों 
रगड़ा। इंस्पेक्शन के समय मुफ्त की मुर्गी 
ने दिखाया कमाल कि मुर्गी के साथ-साथ 
बड़े साहब भी हो गए हलाल। रिटायर होने
 के बाद जब उन्होंने अपनी ईमानदारी की
 कमाई का हिसाब जोड़ा तो बैलॅस में
 निकला कैंसर का फोड़ा... -शैल चतुर्वेदी

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  #उस्तरा