मालुम नहीं मगर अच्छा लगता है तुम्हे अपने करीब पा कर यूंही कभी ख्यालों में लाकर तुमसे हाले दिल कहते हुए कभी सफर करते करते तुमको सोंचते हुए कभी साथ गुजरे वक्त याद करके मुस्कुराते हुए कभी तुम्हे पास महसूस करके सो जाते हुए मालुम नहीं मगर अच्छा लगता है तुम्हे अपने करीब पा कर यूंही कभी ख्वाबों को हकीकत समझते हुए कभी सब कुछ भूल के तुझे ढूंढते हुए कभी कमरे की दीवारों पे तुम्हारी तस्वीर देखते हुए कभी चांद की चांदनी में तुमको उतरते हुए मालुम नहीं मगर अच्छा लगता है तुम्हे अपने करीब पा कर यूंही।। ©Dr Deep #Chahat Rajul RP #lovetaj