बरसते सावन की बूंदों की फुहार तो देखिए, बेवजह इश्क अब होने लगा है, लैला दिखे या ना दिखे, मजनुओं का सैलाब सड़को पर दिखने लगा है...... ~गुलशन बरसता सावन....