सोचा था हमने भीगी बरसात तेरे मिलने का बहाना है, दिल तेरा इस गरीब आशिक़ के रहने का ठीकाना है।। मोहब्बत है हमें तुमसे तुम्हे हमसे इसमें कोई शक नहीं, पर बन बैठा दुश्मन ए गालिब ये ज़ालिम ज़ामाना है।। आज भी क्या यादों में तेरी मेरा बसेरा है, कलम ए जितेंद्र का हर सवाल बस यहीं आकर ठहरा है।। ©Alfaaz Dil se #WallTexture Pooja Vedashri Anjani Upadhyay SHRIMALI MAITRI Riya Saini Advocate Suraj Pal Singh