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अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अब इसे इश्क नहीं तो क्या कहूं

अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अब इसे इश्क नहीं तो क्या कहूं
 मेरे  छींक पर उन्हें जुखाम आता था 
दोस्तों सुन लो जब भी बैठते थे महफिल में
 मेरे लबों पर उन्हीं का नाम आता था #alfaaz mere Dil ke
अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अब इसे इश्क नहीं तो क्या कहूं
 मेरे  छींक पर उन्हें जुखाम आता था 
दोस्तों सुन लो जब भी बैठते थे महफिल में
 मेरे लबों पर उन्हीं का नाम आता था #alfaaz mere Dil ke