ऋतुराज वसंत...... नूतन किसलय मधुर -मधुर परिवर्तन का ये मंत्र नव क्षण कण -कण आ गया है देखो ऋतुराज वसंत , पुष्पों की महकता से खिल रही बहार है धानी -2फसलों मॆं पीली सरसों की फुहार है रंग -बिरंगी तितलियां उड़ती है स्वछंद , भ्रमर कैसे लूट रहे देखो खूब ये आनँद , कैसे मोहक पक्षी लगते कितने प्यारे -प्यारे वसंतराज के आगाज से ही परिवेश मॆं छायी घटा रे मन-मन फागुन होगा आएगा होली का त्योहार रंग -बिरंगे रंगों से सजेगा घर आँगन संसार । # स्वातिकीकलमसे #NojotoQuote #बसंतपंचमी#स्वातिकीकलम से @शुभकामनाएँ 🙏जय माँ#सरस्वतीजी