दुनिया हमें कूड़ा बीनने वालें और पाता नही किन किन बहुत से नामों से जानती हैं! पेट के आगें और मजबूरीयों के आगें सब कुछ करना पड़ता है ये दुनियां यह बात कहा जानती है! हर रोज़ एक ना एक नये सफ़र पे निकालना पड़ता है! कम उम्र में ही भारी भारी बोरे का बोझा उठाना पड़ता है! कभी कूड़े ढेर में कभी गलियों के मोहल्ले के सड़कों के रेलवे के पटरी की दौड़ में! मेहनत के बिना किसी को क्या मिला है ज़िंदगी में कई बार भूखे पेट भी रहना पड़ा है ज़िंदगी में! कचरा कूड़ा यही हमारा काम का आशियाना था! मायूसियों बेख़ुदीयो को भी मुस्कुरा के पार लगाना था! इस संसार मे देखोगे हम जैसे कई रूपों हम मिलेगें! ध्यान से देखोगे चेहरों को खामोशीयों से बहुत कुछ बोलतें हुएँ हमारें चेहरें मिलेगें! abhishek sharma! ©mysterious boy #ragpicker #hindipoetry #poem #kavita #Nojoto #nojotonews #byaks2021