वक्त बदलता रहता जरूर है मगर वो धोखेबाज तो नहीं मिलना मुश्किल है तेरा, नामुमकिन तो नहीं रात होने वाली है मगर अभी हुई तो नहीं वक्त बदलता रहता जरूर है मगर धोखेबाज तो नहीं वैसे जैसे तुझे इश्क़ नहीं मगर इंकार भी नहीं हम मिलेंगे न एक दिन? इसका कोई जवाब है ही नहीं बस फितूर है तेरा सर पे, ये कोई पागलपन नहीं खूब पता है मुझे कि तू इस बात से बेख़बर भी नहीं की हम साथ हैं मगर साथ हैं भी नहीं!