नाराज़ तेरी कानो में रहना है अावाज़ होके... ये बता मैं जाऊ कहां तुझसे नाराज़ होके..। कल जो हुअा वो कल की बात थी... इन लम्हों मे तू सिमट जा अाज होके..। फूलो से पत्थ़रो का मुक़ाबला हो नहीं सकता... पत्थ़र आखिर पत्थ़र है क्यां होता है ताज होके..। ख़ब्तुल