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उम्मीद- कई सालों से देख रही हूं मंदिर के बाहर ए

उम्मीद-

कई सालों से देख रही हूं 
मंदिर के बाहर 
एक कोने में बैठी 
अस्सी के आसपास होती उम्र की
उस वृद्धा को ।

जिसे होती है उम्मीद कि
आने-जाने वाले भक्तों से
इतना तो मिल ही जाएगा उसे
जिससे निकल जाएगी रात
आधा-दूधा खाकर परिवार की। #उम्मीद
उम्मीद-

कई सालों से देख रही हूं 
मंदिर के बाहर 
एक कोने में बैठी 
अस्सी के आसपास होती उम्र की
उस वृद्धा को ।

जिसे होती है उम्मीद कि
आने-जाने वाले भक्तों से
इतना तो मिल ही जाएगा उसे
जिससे निकल जाएगी रात
आधा-दूधा खाकर परिवार की। #उम्मीद