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मंज़िल उन्हीं को मिलती है, जिनके हौसलों में जान हो

मंज़िल उन्हीं को मिलती है,
जिनके हौसलों में जान होती है।।
और बंद ठेके से दारू उन्हीं को मिलती है,
जिनकी ठेकों में पहचान होती हैं।।
लेखनी by
                 --गौरव सिंह ठाकुर
मंज़िल उन्हीं को मिलती है,
जिनके हौसलों में जान होती है।।
और बंद ठेके से दारू उन्हीं को मिलती है,
जिनकी ठेकों में पहचान होती हैं।।
लेखनी by
                 --गौरव सिंह ठाकुर

ठाकुर