उलझन इस बात की है कि घूम रही है धरती फ़िर क्यों भाग रहा इंसान कुदरत ले रही है अब तेरा कठिन इम्तहान क्या धन क्या दोलत हर ताखत है बेइमान झुख रही है अब क्यों हर तख्त की कमान ना जुर्म ना व्यवधान फ़िर क्यों दुविधा मे दिवान ना युद्घ ना तुफ़ान फ़िर क्यों सुलग रहा समसान एक अद्श्य दुश्मन से है युद्ध का फ़रमान तो सब्र और सयम के हो तरकस मे वाण ©Lalit Kumar कुदरत ले रही इम्तहान #corona_effect #corona #AdhureVakya