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इतनी सी एक बात तूफ़ान को खल गई कागज़ की एक नाव थी जो

इतनी सी एक बात
तूफ़ान को खल गई
कागज़ की एक नाव थी
जो समुंदर पर चल गई

हवाएं बहुत तेज़ थीं
मुश्किलें थीं बेपनाह
लहरों से लड़ते-जूझते
वो साहिल पर लग गई

हैरत हुई किसी को
किसी को रहा मलाल
देखकर कमाल ये
दुनिया फिर मचल गई

चलती रही वो हर हालात में
कभी बेपरवाह,कभी बेवजह
तूफ़ान भी आजमता उसे रहा
हर रात, हर सुबह

कोशिश तो बहुत की थी
मगर उसे तोड़ न सका
हौसलों की ये उड़ान थी
जिसे तूफ़ान मोड़ न सका

जब हार गया थक के वो
पहचान तब बन गई
कागज़ की एक नाव थी
जो मिसाल बन गई

ज़माने ने नहीं की है
कभी परवाह ख़ाक की
जमीन से वो उठी थी 
जो मोती में बदल गई...
© abhishek trehan #river #inspirational #Life #story #Hindi #Poetry #shyari
इतनी सी एक बात
तूफ़ान को खल गई
कागज़ की एक नाव थी
जो समुंदर पर चल गई

हवाएं बहुत तेज़ थीं
मुश्किलें थीं बेपनाह
लहरों से लड़ते-जूझते
वो साहिल पर लग गई

हैरत हुई किसी को
किसी को रहा मलाल
देखकर कमाल ये
दुनिया फिर मचल गई

चलती रही वो हर हालात में
कभी बेपरवाह,कभी बेवजह
तूफ़ान भी आजमता उसे रहा
हर रात, हर सुबह

कोशिश तो बहुत की थी
मगर उसे तोड़ न सका
हौसलों की ये उड़ान थी
जिसे तूफ़ान मोड़ न सका

जब हार गया थक के वो
पहचान तब बन गई
कागज़ की एक नाव थी
जो मिसाल बन गई

ज़माने ने नहीं की है
कभी परवाह ख़ाक की
जमीन से वो उठी थी 
जो मोती में बदल गई...
© abhishek trehan #river #inspirational #Life #story #Hindi #Poetry #shyari