"ग़र हाँ तो मैं भी तेरा हूँ" ------ ज़िन्दगी है मेरी मेरे अपनों से क्या उनको तू सम्मान दे पायेगी? तुझसे मोहब्बत सारी हदें पार करके करूँगा क्या तू भी मेरा हाँथ थाम पायेगी? कहतें हैं ज़िन्दगी होती बस चार दिन की क्या एक दिन भी तू मुझे संभाल पायेगी? तुझसे जुड़े हर रिश्ते को बखूबी निभाऊंगा क्या तू भी सबको मेरे जैसा... full read in caption... _Aakash Bharti "ग़र हाँ तो मैं भी तेरा हूँ" ------- ज़िन्दगी है मेरी मेरे अपनों से क्या उनको तू सम्मान दे पायेगी? तुझसे मोहब्बत सारी हदें पार करके करूँगा क्या तू भी मेरा हाँथ थाम पायेगी? कहतें हैं ज़िन्दगी होती बस चार दिन की क्या एक दिन भी तू मुझे संभाल पायेगी?