हम परस्पर न लड़े वो प्रेम और व्यवहार दे शारदे मां! शारदे मां! शारदे मां! शारदे प्रार्थना स्वीकार कर लो ओ! मेरी मां शारदे आपके आशीष से यह जिदंगी और प्रान है अनवरत हो मां कृपा हम आपकी संतान हैं कर देना माता क्षमा हम स्वयं से अनजान है जानते कुछ भी नहीं सर्वज्ञ का अभिमान है सारे कष्टों को हमारी मां मेरी अब तार दे शारदे मां! शारदे मां! शारदे मां! शारदे प्रार्थना स्वीकार कर लो ओ! मेरी मां शारदे संघर्ष के पथ पर हमारी जीत हरदम तय रहे हो समस्याएं विकट किंचित हमें ना भय रहे एक दो या तीन चाहे मुश्किलें कतिपय रहे साथ जब हों मां मेरी क्यों जीत का संशय रहे प्रेम और खुशियों से पूरित इक नया संसार दे शारदे मां! शारदे मां! शारदे मां! शारदे प्रार्थना स्वीकार कर लो ओ! मेरी मां शारदे © श्याम प्रताप सिंह ( पूरा गीत अनुशीर्षक में ) ©Shyam Pratap Singh वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। हम परस्पर न लड़े वो प्रेम और व्यवहार दे शारदे मां! शारदे मां! शारदे मां! शारदे प्रार्थना स्वीकार कर लो ओ! मेरी मां शारदे आपके आशीष से यह जिदंगी और प्रान है अनवरत हो मां कृपा हम आपकी संतान हैं