एक ख्वाब की खुशबू में मन का राजा होता है जो राम बनने की सोच रखता है मर्यादा के स्वप्न में व्यवहारिकता लाना चाहता है उसे संभव दिखता है ख्वाब और खुशबू का आदि हो जाता है फिर एक दिन अचानक से वो देवतुल्य बन जाता है! महान मानव उत्कर्ष है। #napowrimo का 18वाँ दिन है बल्कि कहें 18वीं रात और उस ख़्वाब की ख़ुशबू है, जिसमें हम जीते हैं। #ख़्वाबकीख़ुशबू #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #musings #poetry